तीखी कलम से

मेरे बारे में

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जी हाँ मैं आयुध निर्माणी कानपुर रक्षा मंत्रालय में तकनीकी सेवार्थ कार्यरत हूँ| मूल रूप से मैं ग्राम पैकोलिया थाना, जनपद बस्ती उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ| मेरी पूजनीया माता जी श्रीमती शारदा त्रिपाठी और पूजनीय पिता जी श्री वेद मणि त्रिपाठी सरकारी प्रतिष्ठान में कार्यरत हैं| उनका पूर्ण स्नेह व आशीर्वाद मुझे प्राप्त है|मेरे परिवार में साहित्य सृजन का कार्य पीढ़ियों से होता आ रहा है| बाबा जी स्वर्गीय श्री रामदास त्रिपाठी छंद, दोहा, कवित्त के श्रेष्ठ रचनाकार रहे हैं| ९० वर्ष की अवस्था में भी उन्होंने कई परिष्कृत रचनाएँ समाज को प्रदान की हैं| चाचा जी श्री योगेन्द्र मणि त्रिपाठी एक ख्यातिप्राप्त रचनाकार हैं| उनके छंद गीत मुक्तक व लेख में भावनाओं की अद्भुद अंतरंगता का बोध होता है| पिता जी भी एक शिक्षक होने के साथ साथ चर्चित रचनाकार हैं| माता जी को भी एक कवित्री के रूप में देखता आ रहा हूँ| पूरा परिवार हिन्दी साहित्य से जुड़ा हुआ है|इसी परिवार का एक छोटा सा पौधा हूँ| व्यंग, मुक्तक, छंद, गीत-ग़ज़ल व कहानियां लिखता हूँ| कुछ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होता रहता हूँ| कवि सम्मेलन के अतिरिक्त काव्य व सहित्यिक मंचों पर अपने जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों को आप तक पहँचाने का प्रयास करता रहा हूँ| आपके स्नेह, प्यार का प्रबल आकांक्षी हूँ| विश्वास है आपका प्यार मुझे अवश्य मिलेगा| -नवीन

रविवार, 26 जुलाई 2015

है तो है

ग़ज़ल
         
उनको  अपनी अक्ल पर गफलत  पुरानी  है तो है ।
बे  वजह  सी  बात  पर जहमत  बुलानी  है तो है ।।

है  जिन्हें  हैवानियत  से  फिर  मुहब्बत  बे  पनाह ।
उनको चादर  फिर किसी  तुरबत चढ़ानी है तो है ।।

खा  गए  जो   मुल्क  की  दौलत  सरे  बाजार  में ।
भूख  की  बाकी  बची  हसरत  मिटानी  है  तो है ।।

राम  अल्ला  और  जीसस एक हैं  सबको खबर ।
साजिशो   के   वास्ते  नफ़रत  चलानी  है  तो  है ।।

जेल  में  है  वह  दरिंदा  जिसकी  दहशत  बेसुमार।
 हर गली में कुछ न कुछ सोहबत निशानी है तो है।।

कुर्सियां    उसकी  ही  होंगी  था  भरोसा  ये  उसे ।
आज फिर उसकी जुबां फुरकत  कहानी है तो है ।।

मंदिरो    मस्जिद   से    जाते   रास्ते    भी   मैकदे ।
इस  तरह  कुछ  यार के निसबत पिलानी है तो है ।।

हक कभी मांगा तो दुश्मन ख़ास का ओहदा मिला।
रहनुमाओं  को   यहां  फितरत  दिखानी है तो  है ।।

                             -- नवीन मणि त्रिपाठी

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